बूँद - बूँद से घड़ा है भरता । शिक्षा बिना काम नहीं चलता ।।
शुरू करो न काम ऐसा । जिसको करने में दिल नहीं लगता ।।
कश्ती पार होती उसकी । तूफ़ानों से जो नहीं डरता ।।
जीना दूभर होता उसका । रोता ज्यादा कम जो हँसता ।।
जीवन तो कट ही जाता है । साथ में जब कोई अपना रहता ।।
जानवरों से बद्तर वो है । करुणा, दया जिसमे नहीं बसता ।।
शुरू करो न काम ऐसा । जिसको करने में दिल नहीं लगता ।।
कश्ती पार होती उसकी । तूफ़ानों से जो नहीं डरता ।।
जीना दूभर होता उसका । रोता ज्यादा कम जो हँसता ।।
जीवन तो कट ही जाता है । साथ में जब कोई अपना रहता ।।
जानवरों से बद्तर वो है । करुणा, दया जिसमे नहीं बसता ।।
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